कभी-कभी कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जो बिना अल्फ़ाज़ के ही खत्म हो जाते हैं। कोई शिकवा नहीं, कोई विदाई नहीं बस एक लंबी चुप्पी छिपी हुई होती है जो वक्त के साथ आदत बन जाती है। और पहले-पहल ये चुप्पी बहुत खलती है। हर जगह वो आवाज़ गूंजती है — जो अब सुनाई नहीं देती। कॉल लॉग बार-बार स्क्रोल होता है, और मैसेज बॉक्स खुलता है… लेकिन भेजा कुछ नहीं जाता। और फिर एक दिन, वही चुप्पी सुकून देने लगती है। ना कोई सवाल, ना कोई जवाब बस एक हल्का सा दर्द, जो अब चुभता नहीं, बल्कि याद दिलाता है कि हम कितने सच्चे थे… और वो भी। अब जब उनकी याद आती है, तो कोई आँसू नहीं बहते — बस एक मुस्कान आती है, क्योंकि हम जानते हैं, कुछ रिश्ते दूरी में ही सबसे ज़्यादा करीब होते है और उनसे दूर जाने के बाद नई दुनिया बनती है
लेखक की कलम से: "रिश्ते हमेशा साथ में नहीं चलते, लेकिन कुछ यादें उम्र भर हमसफ़र बन जाती हैं।" अगर ये लफ़्ज़ आपके दिल के किसी कोने को छू गए, तो अगली कहानी में फिर मिलेंगे — कुछ अनकहे जज़्बातों के साथ। कुछ नई कहानी के साथ जीते रहे आपने उसी अंदाज के साथ जो हर लम्हे को यादगार बना दे धन्यवाद 💐